भारत समेत दुनियाभर में सबसे ज्यादा पॉपुलर सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म Facebook लगातार कई बड़े कदम उठा रहा है. हाल ही में फेसबुक ने अपना नाम बदलकर Meta रखा था. वहीं अब फेसबुक ने जानकारी दी है कि वह फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहा है. जानकारी देते हुए बताया गया है कि फेसबुक अब 1 अरब से अधिक लोगों के फेस रिकग्निशन को मिटा देगा.
फेसबुक की नई पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी मेटा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपाध्यक्ष जेरोम पेसेंटी ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि ‘यह परिवर्तन प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरे की पहचान के उपयोग में सबसे बड़े बदलावों में से एक का प्रतिनिधित्व करेगा.’
उन्होंने जानकारी साझा करते हुए कहा कि ‘फेसबुक के डेली एक्टिव यूजर में से एक तिहाई से अधिक ने फेस रिकग्निशन सेटिंग को चुना है और उन्हें पहचाना जा सकता है, और इसके हटाने के परिणामस्वरूप एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान टेम्पलेट्स को हटा दिया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि ‘कंपनी बढ़ती सामाजिक चिंताओं के खिलाफ प्रौद्योगिकी के सकारात्मक उपयोग को बढ़ाने की कोशिश कर रही थी, फिलहाल खासतौर पर नियामकों ने अभी तक उन्हें स्पष्ट नियम प्रदान नहीं किए हैं.
बता दें कि फेसबुक के दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से एक तिहाई से अधिक ने सोशल नेटवर्क के सिस्टम द्वारा अपने चेहरों को पहचानने का विकल्प चुना है. यह 640 मिलियन की संख्या के करीब है. पेसेंटी ने कहा है कि फेस रिकग्निशन सेटिंग को हटाने का मतलब एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान के टेम्प्लेट को हटाना होगा.